Wednesday 13 May 2020

त्रिदेव की स्थिति

Kabir
अब तक तीन शक्तियों का विवरण आया है।

1. पूर्णब्रह्म जिसे अन्य उपमात्मक नामों से भी जाना जाता है, जैसे सतपुरुष, अकालपुरुष, शब्द स्वरूपी राम, परम अक्षर ब्रह्म/पुरुष आदि। यह पूर्णब्रह्म असंख्य ब्रह्मण्डों का स्वामी है तथा वास्तव में अविनाशी है।

2. परब्रह्म जिसे अक्षर पुरुष भी कहा जाता है। यह वास्तव में अविनाशी नहीं है। यह सात शंख ब्रह्मण्डों का स्वामी है।


3. ब्रह्म जिसे ज्योति निरंजन, काल, कैल, क्षर पुरुष तथा धर्मराय आदि नामों से जाना जाता है, जो केवल इक्कीस ब्रह्मण्ड का स्वामी है। अब आगे इसी ब्रह्म (काल) की सृष्टी के एक ब्रह्मण्ड का परिचय दिया जाएगा, जिसमें तीन और नाम आपके पढ़ने में आयेंगे - ब्रह्मा, विष्णु तथा शिव।

ब्रह्म तथा ब्रह्मा में भेद - एक ब्रह्मण्ड में बने सर्वोपरि स्थान पर ब्रह्म (क्षर पुरुष) स्वयं तीन गुप्त स्थानों की रचना करके ब्रह्मा, विष्णु तथा शिव रूप में रहता है तथा अपनी पत्नी प्रकृति (दुर्गा) के सहयोग से तीन पुत्रों की उत्पत्ति करता है। उनके नाम भी ब्रह्मा, विष्णु तथा शिव ही रखता है। जो ब्रह्म का पुत्र ब्रह्मा है वह एक ब्रह्मण्ड में केवल तीन लोकों (पृथ्वी लोक, स्वर्ग लोक तथा पाताल लोक) में एक रजोगुण विभाग का मंत्री (स्वामी) है। इसे त्रिलोकीय ब्रह्मा कहा है तथा ब्रह्म जो ब्रह्मलोक में ब्रह्मा रूप में रहता है उसे महाब्रह्मा व ब्रह्मलोकीय ब्रह्मा कहा है। इसी ब्रह्म (काल) को सदाशिव, महाशिव, महाविष्णु भी कहा है।

श्री विष्णु पुराण में प्रमाण:- चतुर्थ अंश अध्याय 1 पृष्ठ 230 - 231 पर श्री ब्रह्मा जी ने कहा:- जिस अजन्मा, सर्वमय विधाता परमेश्वर का आदि, मध्य, अन्त, स्वरूप, स्वभाव और सार हम नहीं जान पाते (श्लोक 83) जो मेरा रूप धारण कर संसार की रचना करता है, स्थिति के समय जो पुरूष रूप है तथा जो रूद्र रूप से विश्व का ग्रास कर जाता है, अनन्त रूप से सम्पूर्ण जगत् को धारण करता है। (श्लोक 86)
अधीक जानकारी के लिए नि:शुल्क पुस्तक "ज्ञान गंगा" व " जीने की राह " प्राप्त करे।
अपना मोबाईल नंबर, नाम, पुरा पता, हमें
Whatsapp करें -7496801825

No comments:

Post a Comment

अब सच होगा सबका सपना, पाखण्ड मुक्त होगा भारत अपना..!
ऐसे ही आध्यात्मिक जानकारी के लिए हमसे जुड़े...!

मानवता की कसौटी { मैं_उस_दोर_का_बेटा_हूं }

#मैं_उस_दोर_का_बेटा_हूं #जीवो_के_प्रति_दया_मेरे_भारत_की_संस्कृति हल खींचते समय यदि कोई बैल गोबर या मूत्र करने की स्थिति में होत...